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आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन
- रूस ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास किया था। मॉस्को और इस्लामाबाद पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे के करीब भी आए हैं, इससे भारत की चिंता बढ़ गई है।
- वहीं, रूस ने कहा कि भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ किया गया अभ्यास आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन का हिस्सा था।
- दरअसल, रूस के उप राजदूत एन बाबुश्किन से सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान के साथ रूस के बढ़ रहे संबंधों के चलते भारत को चिंतित होना चाहिए।
- इसके जवाब में उप राजदूत ने कहा, हमें नहीं लगता कि भारत को चिंतित होना चाहिए।
- रूस दूसरे देशों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाक के साथ अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियान का हिस्सा था।
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर रूसी राजदूत निकोलय आर कुदाशेव ने कहा कि भारत और चीन के लिए रूस एक विश्वसनीय भागीदार है और हमें लगता है कि एससीओ, ब्रिक्स और आरआईसी के प्लेटफार्मों पर दो पड़ोसी देशों के बीच सहयोग के लिए सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
एस-400 को लेकर रूसी राजदूत ने क्या कहा
- अमेरिका ने हाल ही में रूसी मिसाइल प्रणाली एस-400 की खरीद को लेकर तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
- ऐसे में भारत की चिंताएं भी बढ़ गई हैं, क्योंकि भारत ने भी रूस के साथ एस-400 के लिए करार किया हुआ है।
- भारत में रूसी राजदूत निकोलय आर कुदाशेव ने रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली को लेकर कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए एकपक्षीय प्रतिबंधों का स्वागत नहीं करते हैं।
- भारत की स्थिति भी स्पष्ट है-यूएनएससी द्वारा लागू किए गए प्रतिबंधों के अलावा और कोई प्रतिबंध मायने नहीं रखता है।
मॉस्को एक मंच अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए
- इसके अलावा, अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के संबंध में भारत और रूस के बीच सहयोग पर रूस के उप राजदूत एन बाबुश्किन ने कहा, हम अफगानिस्तान पर करीबी बातचीत बनाए हुए हैं।
- हमारे पास इसके लिए मॉस्को एक मंच के रूप में है। निश्चित रूप से हमारे पास अफगानिस्तान को लेकर भारत के साथ द्विपक्षीय परामर्श हैं।