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बसंत पंचमी त्योहार
- बसंत पंचमी जो त्योहार भारत में वसंत के मौसम के आगमन का प्रतीक है, इस वर्ष 16 फरवरी को यानी आज के दिन मनाया जा रहा है.
- माघ मास (महीने) के पांचवें दिन (पंचमी) पर आयोजित, बसंत पंचमी को देश के कुछ हिस्सों में सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है.
- माना जाता है कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया था.
- इसके अलावा, देश के कुछ हिस्सों में सरस्वती पूजा के उत्सव का कारण यह माना जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा ने देवी सरस्वती को जन्म दिया था.
शुभकामना संदेश
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं. राष्ट्रपति कोविंद के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी त्योहार पर देश के लोगों को बधाई दी.
उन्होंने कहा, ”बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई. मैं चाहता हूं कि बसंत का आगमन सभी देशवासियों के जीवन में खुशियां और समृद्धि लाए”.
अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, ”सभी लोगों को नए उत्साह और नई ऊर्जा के प्रतीक बसंत पंचमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं. मां सरस्वती सभी को ज्ञान, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करना चाहती हैं.
मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त बसंत पंचमी
- इस अवसर का महत्व हिंदू संस्कृति में बहुत बड़ा है, क्योंकि नए काम शुरू करने शादी करने या घर में शादी की रस्म करने के लिए दिन को बहुत शुभ माना जाता है.
- बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है.
- यह पर्व जीवन में ज्ञान और शिक्षा के महत्व को भी दर्शाता है. इस दिन छोटे बच्चों की शिक्षा का आरंभ किया जाता है.
- इसके साथ ही इस दिन अबूझ मुहूर्त का निर्माण होता है. बसंत पंचमी के दिन बिना मुहूर्त को देखे शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.