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जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तारीकरण
- शिवालिक एलिफेंट रिजर्व खत्म करने पर हाईकोर्ट की रोक के बाद अब जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तारीकरण खटाई में आ गया है।
- अब इसके लिए दी जाने वाली 87 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण में मुश्किल आ जाएगी।
- एयरपोर्ट विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथारिटी को वन भूमि देने में आ रहे एलिफेंट रिजर्व पेंच को हटाने के लिए सरकार ने शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को ही खत्म करने का फैसला लिया था। लेकिन अब ये मुश्किल हो जाएगा।
वनभूमि एयरपोर्ट अथारिटी
- जौलीग्रांट में एयरपोर्ट का विस्तार होना है। इसके लिए थानो में करीब 87 हेक्टेयर वनभूमि एयरपोर्ट अथारिटी को दी जानी है।
- इसका जिसमें करीब साढ़े आठ हजार पेड़ काटे जाने हैं। इसका प्रस्ताव केंद्र को गया था। केंद्र ने इस इलाके को शिवालिक एलिफेंट रिजर्व का हिस्सा बताते हुए कहीं और जमीन देने की सलाह राज्य को दी थी।
- लेकिन आसपास इतनी जमीन ना होने के चलते राज्य ने इसका तोड़ निकालते हुए शिवालिक एलिफेंट को ही डिनोटिफाई करने की योजना बनाई।
- 24 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में इसे डिनोटिफाई करने का फैसला लिया गया था। ताकि एयरपोर्ट विस्तार के लिए आसानी से लैंड ट्रांसफर और पेड़ कटान की अनुमति मिल सके।
- लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद लैंड ट्रांसफर में फिर एलिफेंट रिजर्व का पेंच फंस गया है। यानी एयरपोर्ट विस्तार अब मुश्किल हो गया है।