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बेहद ठंडे मौसम में सीमा की रखवाली
- भारत-चीन के बीच पिछले साल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव चरम पर था. कई चरण की सैन्य वार्ता के बाद चीन पीछे हटने को राजी हुआ था.
- हालांकि अभी भी भारतीय सेना के वीर जवान बेहद ठंडे मौसम में सीमा की रखवाली के लिए एलएसी पर तैनात हैं.
- अब भारत में अमेरिका के निवर्तमान राजदूत केनेथ जस्टर (Kenneth Juster) ने अपने विदाई भाषण में इसका जिक्र किया है.
- मंगलवार को उन्होंने कहा कि भारत ने संभावित चीनी खतरे का सामना किया है.
मंगलवार को केनेथ जस्टर ने पिछले साल भारत और चीन के बीच तनाव के समय का जिक्र करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान भारत और अमेरिका के बीच करीबी सहयोग रहा है, लेकिन सहयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए इस भारत पर ही छोड़ दिया गया है. फिर वो सैन्य सहयोग हो या अन्य कोई.
राजदूत जस्टर ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र तेजी से विकसित हो रही अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का केंद्र बन रहा है. चीनी उदय और कोविड-19 महामारी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को ऐसी स्थिरता, नेतृत्व और विकास के लिए लोकतांत्रिक मॉडल की जरूरत है जो अन्य देशों की संप्रभुता के लिए खतरा न बने. उन्होंने कहा, ‘इसीलिए एक सशक्त और लोकतांत्रिक भारत शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है.’
उन्होंने कहा, भारत ने सीमा पर आक्रामक चीनी गतिविधि का शायद निरंतर आधार पर सामना किया है. अब इस पृष्ठभूमि में अमेरिका और भारत के बीच करीबी सहयोग काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने आतंकवाद और भारत-अमेरिकी संबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि किसी भी अन्य देश का भारत के साथ रक्षा और आतंकवाद विरोधी संबंध उतना मजबूत नहीं है, जितना अमेरिका का रहा है. कोई अन्य देश भारतीयों और भारत की सुरक्षा में योगदान के लिए इतना नहीं करता है.