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4 लाख 54 हजार 49 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है
- राज्य जन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक निर्मल जिले के स्वास्थ्यकर्मी का 19 जनवरी को सुबह करीब 11.30 बजे टीकाकरण किया गया था.
- 20 जनवरी को सुबह 2.30 बजे स्वास्थ्यकर्मी ने छाती में दर्द की शिकायत की. सुबह 5.30 बजे जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
- बता दें देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई है.
- आखिरी अपडेट के मुताबिक अब तक देश में अब तक 4 लाख 54 हजार 49 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है.
पुरुष स्वास्थ्यकर्मी की मौत
- कर्नाटक में कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने वाले एक पुरुष स्वास्थ्यकर्मी की मौत का मामला सामने आया है.
- प्राप्त जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के निर्मल जिले में एक स्वास्थ्यकर्मी की टीकाकरण के 16 घंटे बाद मौत हो गई.
- प्रारंभिक जांच में मौत का कारण वैक्सीनेशन से संबंधित नहीं बताया गया है. गाइडलाइन के मुताबिक डॉक्टरों की टीम स्वास्थ्यकर्मी का पोस्टमार्टम करेगी.
- जिले की एईएफआई कमेटी मामले की जांच कर रही है और वह इसे राज्य की एईएफआई कमेटी को सौंपेगी. जिसके बाद राज्य की कमेटी केंद्र के पास अपनी रिपोर्ट भेजेगी.
देश में वैक्सीन के प्रतिकूल असर के सिर्फ 0.18 प्रतिशत मामले
- इससे पहले वैक्सीनेशन के बाद उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में दो स्वास्थ्यकर्मियों की मौत की घटना सामने आई थी.
- इस दोनों ही लाभार्थियों की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वैक्सीन के दुषप्रभाव की बात सामने नहीं आई थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक टीकाकरण के बाद प्रतिकूल असर (एईएफआई) के अब तक केवल 0.18 प्रतिशत मामले आए हैं और केवल 0.002 प्रतिशत लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जो कि निम्न स्तर है. जहां तक हमें पता है पहले तीन दिनों में प्रतिकूल असर का यह सबसे कम मामला है.
कुछ डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी टीका लेने से इनकार कर रहे हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय भी लगातार वैक्सीन के प्रति लोगों के भरोसे को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि टीकाकरण के बाद दुष्प्रभाव और गंभीर समस्या अब तक नहीं देखने को मिली है. प्रतिकूल असर के नगण्य मामले आए हैं. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि दोनों टीके सुरक्षित हैं.
पॉल ने कहा कि ”यह निराशाजनक है कि कुछ डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी टीका लेने से इनकार कर रहे हैं” और उन्होंने लोगों से टीके की खुराक लेने का अनुरोध किया.